Musings
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दिल एक मंदिर dil ek mandir
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2008-01-19 14:29रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा बीते ना मिलन की बेला आज़ चादँनी की नगरी मॆ अरमानों का मेला.-2 रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा. पहले मिलन की यादें लेकर आई है ये रात सुहानी-2 दोहराते हैं ये तारे मेरी- तुम्हारी प्रेम कहानी मेरी- तुम्हारी प्रेम कहानी रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा बीते ना मिलन की बेला आज चादँनी की नगरी मॆ अरमानों का मेला रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा कल का डरना, काल की चिंता.. दो तन है मन एक हमारे जीवन सीमा के आगे भी आउँगी मैं संग तुम्हारे आउँगी मैं संग तुम्हारे रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा बीते ना मिलन की बेला आज चादँनी की नगरी मॆ अरमानों का मेला-2 रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
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2008-01-19 14:33याद न जये
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