बांबॅ bombay

एक हो गये हम और तुम तू उड़ गई नींदें रे
और खनकी पायल मस्ती में तो कंगन खनके रे

हम्मा, हम्मा हम्मा, हम्मा, हम्मा -2

है पहली बार मिले तुम पे दम ये निकले
तुम पे ये जवानी धीरे-धीरे मातम मचले रे

हम्मा, हम्मा हम्मा, हम्मा, हम्मा -2

खिली चाँदनी जैसा ये बदन जनाब मिला तुमको
मन में सोचता जैसा रूप तेरा आया नज़र हमको
सितम खुली-खुली ये, सनम गोरी-गोरी ये
बाहें करती है यूँ हमें तुमने जब गले लगाया तो
खो ही गये हम तो

हम्मा, हम्मा हम्मा, हम्मा, हम्मा -2
एक हो गये ... ... खनके रे
हम्मा, हम्मा हम्मा, हम्मा, हम्मा -2
है पहली बार ... ... मचले रे

खुली ज़ुल्फ़ में, तेरी आँखों में मदहोश हो गये
गोरे गाल पे, भीगे होंठ पे यारा फ़िदा हो गये
सनम प्यार में, भीगी रात में प्यास जगाते रहें
खतम न हो सनम, प्यार का मौसम चाहत बढ़ती रहे

हम्मा, हम्मा हम्मा, हम्मा, हम्मा -2
गुम-सुम, गुम-सुम गुप-चुप
गुम-सुम, गम गुप-चुप
हल-चल, हल-चल हो गयी तेरी
होंठ है तेरे चुप
खल-बल, खल-बल हो गयी तेरी
बैठें हैं गुपचुप
प्यारा-प्यारा चेहरा लेकर देगया इशारा
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा
हमसे गोरी ना तू शरमाओ, आ कह दे हमसे ज़रा -2

कहना ही क्या
ये नैन जो एक
अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत
के जैसे ये सिलसिले

अरमान नये ऐसे दिल में
खिले जिनको कभी मैं ना जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले,
कैसे मिले दिल ना जानूं
अब क्या करें, क्या नाम लें,
कैसे उन्हे मैं पुकारूं -2

पहली नजर में कुछ हम कुछ तुम हो जातें है यूं गुम
नैनो से बरसाए रिम-झिम, रिम-झिम हमपे प्यार का सावन
शर्म थोड़ी-थोड़ी हमको आये तो नज़रें झुक जाएं
सितम थोड़ा-थोड़ा हमपे शोक हवा भी कर जाये
ऐसी चली आँचल उड़े दिल में एक तूफ़ान उठे
हम तो लुट गये खड़े ही खड़े
कहना ही क्या ...

इन होंठों ने माँगा सरगम, सरगम तू और तेरा ही प्यार है
आँखें ढूंढे है जिसको हर दम, हर दम तू और तेरा ही प्यार है
महफ़िल में भी तन्हा है दिल ऐसे, दिल ऐसे
तुझको खो ना दे डरता है ये ऐसे, ये ऐसे
आज मिली ऐसी खुशी झूम उठी दुनिया ये मेरी
तुमको पाया तो पाई ज़िन्दगी
कहना ही क्या ...
तू ही रे, तू ही रे
तेरे बिना मैं कैसे जियूं
आजा रे, आजा रे, यूं ही तड़पा ना तू मुझको
जान रे, जान रे, इन सांसों में बस जा तू
चाँद रे, चाँद रे, आजा दिल की ज़मीन पे तू

चाहत है अगर आके मुझसे मिल जा तू
या फिर ऐसा कर, धरती से मिला दे मुझको
तू ही रे, तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जियूं
आजा रे, आजा रे, यूं ही तड़पा ना तू मुझको

इन सांसों का देखो तुम पागलपन के
आये नहीं इन्हें चैन
मुझसे ये बोली मैं राहों में तेरी
अपने बिछा दूं ये नैन
इन ऊँचे पहाड़ों से जां दे दूंगा मैं
गर तूम ना आई कहीं
तुम उधर जान उम्मीद मेरी जो तोड़ो
इधर ये जहाँ छोड़ू मैं
मौत और, जिन्दगी, तेरे हाथों में दे दिया रे

आई रे, आई रे, ले मैं आई हूँ तेरे लिये
तोड़ा रे, तोड़ा रे, हर बँधन को प्यार के लिये
जान रे, जान रे, आजा तुझमें समा जाऊं मैं
दिल रे दिल रे, तेरी सांसों में बस जाऊं मैं

चाहत है अगर आके मुझसे मिल जा तू
या फिर ऐसा कर, धरती से मिला दे मुझको
तू ही रे, तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जियूं
आजा रे, आजा रे, यूं ही तड़पा ना तू मुझको


सौ बार बुलाए मैं सौ बार आऊं,
इक बार जो दिल दिया
इक आँख रोये तो दूजी बोलो,
सोयेगी कैसे भला,
इन प्यार की राहों में पत्थर हैं कितने
उन सब को ही पार किया
इक नदी हूँ मैं चाहत भरी आज मिलने
सागर को आई यहाँ
सजना, सजना, आज आँसू भी मीठे लगे

तू ही रे, तू ही रे ||
आजा रे, आजा रे, यूं ही तड़पा ना तू मुझको
जान रे, जान रे, इन सासों में बस जा तू
चाँद रे, चाँद रे, आजा दिल की ज़मीन पे तू

पल पल पल पल वक्त तो बीता जाये रे
ज़रा बोल ज़रा बोल वक़्त से के वो थम जाये रे
आई रे, आई रे, ले मैं आई हूँ तेरे लिये
जान रे, जान रे, आजा तुझमें समा जाऊं मैं