दिलसे dilse

तू ही तू, तू ही तू सतरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू मन रंगीं रे ...

दिल का साया हमसाया सतरंगी रे, मन रंगीं रे
कोई नूर है तू क्यों दूर है तू
जब पास है तू एहसास है तू
कोई ख़्वब है या परछाई है सतरंगी रे, मन रंगीं रे
इस बार बता मंज़ूर हवा ठहरेगी कहाँ

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बने

आँखों ने कुछ ऐसे छुआ, हल्का हल्का उन्स हुआ
हल्का हल्का उन्स हुआ दिल को महसूस हुआ
तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी खुशबू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू, आरज़ू
तेरी जिस्म की आँच को छूते ही
मेरे साँस सुलगने लगते हैं
मुझे इश्क़ दिलासे देता है
मेरे दर्द बिलखने लगते हैं

तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी ख़्हुशबू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू आरज़ू
छूती है मुझे सरगोशी से
आँखों में घुली खामोशी से
मैं फ़र्श पे सजदे करता हूँ
कुछ होश में कुछ बेहोशी से
दिल का साया हमसाया ...

तेरी राहों में उलझा उलझा हूँ
तेरी बाहों में उलझा उलझा
सुलझने दे होश मुझे तेरी चाहों में उलझा हूँ
मेरा जीना जुनूँ मेरा मरना जुनूँ
तू ही तू, तू ही तू, सतरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू मन रंगीं रे

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बने

मुझे मौत की गोद में सोने दे
तेरी रूह में जिस्म डुबोने दे
सतरंगी रे, मन रंगीं रे
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

वो यार है जो खुशबू की तरह
है जिसकी ज़ुबाँ उर्दऊ की तरह
मेरी शाम रात, मेरी क़ायनात
वो यार मेरा सैंय्या सैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

गुल पोश कभी इतराये कहीं
महके तो नज़र आ जाये कहीं
तवीज़ बनाके पहनूँ उसे
आयत की तरह मिल जाये कहीँ
वो यार है जो ईमाँ की तरह
मेरा नग़मा वही, मेरा कलमा वही
मेरा नग़मा नग़मा, मेरा कलमा कलमा

यार मिसाल-ए-ओस चले
पाँव की तले, फ़िरदौस चले
कभी डाल डाल, कभी पात पात
मैं हवा पे ढूँढूँ उसके निशाँ

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या ...

मैं उसके रूप का सौदाई
वो धूप छाँव सा हर्जाइ
वो शोख नज़र बदलता है
मैं रंग रूप का सौदाई

जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या
ऐ अजनबी तू भी कभी

ओ पाखी पाखी परदेसी

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

रोज़ रोज़ रेशम सी हवा, आते जाते कहती है
बता रेशम सी हवा कहती है बता
वो जो दूध धुली, मासूम कली
वो है कहाँ कहाँ है वो रोशनी, कहाँ है
वो जान सी कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

ओ पाखी पाखी परदेसी

तू तो नहीं है लेकिन, तेरी मुस्कुराहट है
चेहरा कहीं नहीं है पर, तेरी आहट है
तू है कहाँ कहाँ है, तेरा निशाँ कहाँ है
मेरा जहाँ कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...
इक सूरज निकला था ॥। दिल से रे

इक सूरज निकला था, कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी, जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न, मीठी सी मुशकिल है न
पिया पिया, जिया जिया, पिया पिया
दिल से रे ...

दो पत्ते पतझड़ के, पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से, उतरे थे
फिर इतने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहरों से गुज़रे
वो पत्तेए दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारे।ब
बेलें फिर भी उगती हैं, और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते है।ब अफ़साने
किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते हैं बनते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...
जिया जले जान जले

जिया जले, जान जले नैनों तले धुआँ चले, धुआँ चले
रात भर धुआँ चले
जानूँ न जानूँ न जानूँ न सखि री
जिया जले, जान जले ...

देखते हैं तन मेरा मन में चिभती है नज़र
होंठ सिल जाते उनके नर्म होंठों पे मगर
गिनती रहती हूँ मैं अपनी करवटों के सिलसिले
क्या करूँ कैसे कहूँ, रात कब कैसे ढले
जिया जले, जान जले ...

अंग अंग में जलती हैं दर्द की चिंगारियाँ
मसले फूलों की महक में तितलियों की क्यारियाँ
रात भर बेचारि मेहन्दी पिसती रही, पैरों तले
क्या करूँ कैसे कहूँ, रात कब कैसे ढले
जिया जले, जान जले ...


ईद आई मेरा यार नी आया ॥। कर थैया थैया


ईद आई मेरा यार नी आया -२

तैनूँ वेखणे दा जा पाया वे सजणा

ईद आई मेरा यार नी आया

कर थैया थैया थैया थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया -२

हो
तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया


इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता

आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता परके प्रेम पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया


मेरी नज़रों में मेरे नैनों में मेरी ज़ुल्फ़ों में मेरे बालों में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

मेरी धड़कन में मेरे दिल में मेरे जिस्म में मेरे सीने में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२
( कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया ) -४

इक सूरज निकला था ॥। दिल से रे

ईद आई मेरा यार नी आया -२

तैनूँ वेखणे दा जा पाया वे सजणा

ईद आई मेरा यार नी आया

कर थैया थैया थैया थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया -२

हो
तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया


इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता

आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता परके प्रेम पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया


मेरी नज़रों में मेरे नैनों में मेरी ज़ुल्फ़ों में मेरे बालों में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

मेरी धड़कन में मेरे दिल में मेरे जिस्म में मेरे सीने में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२
( कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया ) -४


इक सूरज निकला था, कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी, जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न, मीठी सी मुशकिल है न
पिया पिया, जिया जिया, पिया पिया
दिल से रे ...

दो पत्ते पतझड़ के, पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से, उतरे थे
फिर इतने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहरों से गुज़रे
वो पत्ती दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारे।ब
बेलें फिर भी उगती हैं, और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते है।ब अफ़साने
किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते हैं बनते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...


ओ पाखी पाखी परदेसी ॥। ऐ अजनबी तू भी कभी

ईद आई मेरा यार नी आया -२

तैनूँ वेखणे दा जा पाया वे सजणा

ईद आई मेरा यार नी आया

कर थैया थैया थैया थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया -२

हो
तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया


इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता

आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता परके प्रेम पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया


मेरी नज़रों में मेरे नैनों में मेरी ज़ुल्फ़ों में मेरे बालों में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

मेरी धड़कन में मेरे दिल में मेरे जिस्म में मेरे सीने में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२
( कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया ) -४


इक सूरज निकला था, कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी, जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न, मीठी सी मुशकिल है न
पिया पिया, जिया जिया, पिया पिया
दिल से रे ...

दो पत्ते पतझड़ के, पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से, उतरे थे
फिर इतने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहरों से गुज़रे
वो पत्ती दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारे।ब
बेलें फिर भी उगती हैं, और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते है।ब अफ़साने
किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते हैं बनते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...


ओ पाखी पाखी परदेसी

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

रोज़ रोज़ रेशम सी हवा, आते जाते कहती है
बता रेशम सी हवा कहती है बता
वो जो दूध धुली, मासूम कली
वो है कहाँ कहाँ है वो रोशनी, कहाँ है
वो जान सी कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

ओ पाखी पाखी परदेसी

तू तो नहीं है लेकिन, तेरी मुस्कुराहट है
चेहरा कहीं नहीं है पर, तेरी आहट है
तू है कहाँ कहाँ है, तेरा निशाँ कहाँ है
मेरा जहाँ कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

जिनके सर हो इश्क़ की छाँव ॥। चल चैंय्या चैंय्या

ईद आई मेरा यार नी आया -२

तैनूँ वेखणे दा जा पाया वे सजणा

ईद आई मेरा यार नी आया

कर थैया थैया थैया थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया -२

हो
तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया


इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता

आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता परके प्रेम पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया


मेरी नज़रों में मेरे नैनों में मेरी ज़ुल्फ़ों में मेरे बालों में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

मेरी धड़कन में मेरे दिल में मेरे जिस्म में मेरे सीने में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२
( कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया ) -४


इक सूरज निकला था, कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी, जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न, मीठी सी मुशकिल है न
पिया पिया, जिया जिया, पिया पिया
दिल से रे ...

दो पत्ते पतझड़ के, पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से, उतरे थे
फिर इतने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहरों से गुज़रे
वो पत्ती दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारे।ब
बेलें फिर भी उगती हैं, और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते है।ब अफ़साने
किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते हैं बनते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...


ओ पाखी पाखी परदेसी

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

रोज़ रोज़ रेशम सी हवा, आते जाते कहती है
बता रेशम सी हवा कहती है बता
वो जो दूध धुली, मासूम कली
वो है कहाँ कहाँ है वो रोशनी, कहाँ है
वो जान सी कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

ओ पाखी पाखी परदेसी

तू तो नहीं है लेकिन, तेरी मुस्कुराहट है
चेहरा कहीं नहीं है पर, तेरी आहट है
तू है कहाँ कहाँ है, तेरा निशाँ कहाँ है
मेरा जहाँ कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...


जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

वो यार है जो खुशबू की तरह
है जिसकी ज़ुबाँ उर्दू की तरह
मेरी शाम रात, मेरी क़ायनात
वो यार मेरा सैंय्या सैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

गुल पोश कभी इतराये कहीं
महके तो नज़र आ जाये कहीं
तवीज़ बनाके पहनूँ उसे
आयत की तरह मिल जाये कहीँ
वो यार है जो ईमाँ की तरह
मेरा नग़मा वही, मेरा कलमा वही
मेरा नग़मा नग़मा, मेरा कलमा कलमा

यार मिसाल-ए-ओस चले
पाँव की तले, फ़िरदौस चले
कभी डाल डाल, कभी पात पात
मैं हवा पे ढूँढूँ उसके निशाँ

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या ...

मैं उसके रूप का सौदाई
वो धूप छाँव सा हरजाइ
वो शोख नज़र बदलता है
मैं रंग रूप का सौदाई

जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या


जिया जले जान जले

ईद आई मेरा यार नी आया -२

तैनूँ वेखणे दा जा पाया वे सजणा

ईद आई मेरा यार नी आया

कर थैया थैया थैया थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया -२

हो
तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया


इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता

आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता परके प्रेम पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया


मेरी नज़रों में मेरे नैनों में मेरी ज़ुल्फ़ों में मेरे बालों में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

मेरी धड़कन में मेरे दिल में मेरे जिस्म में मेरे सीने में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२
( कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया ) -४


इक सूरज निकला था, कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी, जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न, मीठी सी मुशकिल है न
पिया पिया, जिया जिया, पिया पिया
दिल से रे ...

दो पत्ते पतझड़ के, पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से, उतरे थे
फिर इतने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहरों से गुज़रे
वो पत्ती दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारे।ब
बेलें फिर भी उगती हैं, और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते है।ब अफ़साने
किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते हैं बनते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...


ओ पाखी पाखी परदेसी

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

रोज़ रोज़ रेशम सी हवा, आते जाते कहती है
बता रेशम सी हवा कहती है बता
वो जो दूध धुली, मासूम कली
वो है कहाँ कहाँ है वो रोशनी, कहाँ है
वो जान सी कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

ओ पाखी पाखी परदेसी

तू तो नहीं है लेकिन, तेरी मुस्कुराहट है
चेहरा कहीं नहीं है पर, तेरी आहट है
तू है कहाँ कहाँ है, तेरा निशाँ कहाँ है
मेरा जहाँ कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...


जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

वो यार है जो खुशबू की तरह
है जिसकी ज़ुबाँ उर्दू की तरह
मेरी शाम रात, मेरी क़ायनात
वो यार मेरा सैंय्या सैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

गुल पोश कभी इतराये कहीं
महके तो नज़र आ जाये कहीं
तवीज़ बनाके पहनूँ उसे
आयत की तरह मिल जाये कहीँ
वो यार है जो ईमाँ की तरह
मेरा नग़मा वही, मेरा कलमा वही
मेरा नग़मा नग़मा, मेरा कलमा कलमा

यार मिसाल-ए-ओस चले
पाँव की तले, फ़िरदौस चले
कभी डाल डाल, कभी पात पात
मैं हवा पे ढूँढूँ उसके निशाँ

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या ...

मैं उसके रूप का सौदाई
वो धूप छाँव सा हरजाइ
वो शोख नज़र बदलता है
मैं रंग रूप का सौदाई

जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या


जिया जले, जान जले नैनों तले धुआँ चले, धुआँ चले
रात भर धुआँ चले
जानूँ न जानूँ न जानूँ न सखि री
जिया जले, जान जले ...

देखते हैं तन मेरा मन में चिभती है नज़र
होंठ सिल जाते उनके नर्म होंठों पे मगर
गिनती रहती हूँ मैं अपनी करवटों के सिलसिले
क्या करूँ कैसे कहूँ, रात कब कैसे ढले
जिया जले, जान जले ...

अंग अंग में जलती हैं दर्द की चिंगारियाँ
मसले फूलों की महक में तितलियों की क्यारियाँ
रात भर बेचारि मेहन्दी पिसती रही, पैरों तले
क्या करूँ कैसे कहूँ, रात कब कैसे ढले
जिया जले, जान जले ...

तू ही तू, तू ही तू, सतरंगी रे

ईद आई मेरा यार नी आया -२

तैनूँ वेखणे दा जा पाया वे सजणा

ईद आई मेरा यार नी आया

कर थैया थैया थैया थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया -२

हो
तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२

थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया


इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता

आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता परके प्रेम पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया
कर थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया थैया


मेरी नज़रों में मेरे नैनों में मेरी ज़ुल्फ़ों में मेरे बालों में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

मेरी धड़कन में मेरे दिल में मेरे जिस्म में मेरे सीने में

बस प्यार तेरे दी लगन-लगन बस अगन-अगन बस अगन

इश्क़ डेरा मेरे अंदर कीता पर के प्रेम-पयाला पीता
आजा सजणा आजा सजणा नई ते मैं मर गैयाँ गैयाँ

तेरे इश्क़ नचाया कर थैया थैया तेरे इश्क़ नचाया कर थैया -२
( कर थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया
थैया थैया थैया थैया कर थैया थैया थैया थैया ) -४


इक सूरज निकला था, कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी, जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न, मीठी सी मुशकिल है न
पिया पिया, जिया जिया, पिया पिया
दिल से रे ...

दो पत्ते पतझड़ के, पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से, उतरे थे
फिर इतने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहरों से गुज़रे
वो पत्ती दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारे।ब
बेलें फिर भी उगती हैं, और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते है।ब अफ़साने
किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल दिल दिल थे, वो दिल थे दिल थे दिल दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते हैं बनते रहते हैं
दिल से दिल से दिल दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है न ...


ओ पाखी पाखी परदेसी

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

रोज़ रोज़ रेशम सी हवा, आते जाते कहती है
बता रेशम सी हवा कहती है बता
वो जो दूध धुली, मासूम कली
वो है कहाँ कहाँ है वो रोशनी, कहाँ है
वो जान सी कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...

ओ पाखी पाखी परदेसी

तू तो नहीं है लेकिन, तेरी मुस्कुराहट है
चेहरा कहीं नहीं है पर, तेरी आहट है
तू है कहाँ कहाँ है, तेरा निशाँ कहाँ है
मेरा जहाँ कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी ...


जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

वो यार है जो खुशबू की तरह
है जिसकी ज़ुबाँ उर्दू की तरह
मेरी शाम रात, मेरी क़ायनात
वो यार मेरा सैंय्या सैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

गुल पोश कभी इतराये कहीं
महके तो नज़र आ जाये कहीं
तवीज़ बनाके पहनूँ उसे
आयत की तरह मिल जाये कहीँ
वो यार है जो ईमाँ की तरह
मेरा नग़मा वही, मेरा कलमा वही
मेरा नग़मा नग़मा, मेरा कलमा कलमा

यार मिसाल-ए-ओस चले
पाँव की तले, फ़िरदौस चले
कभी डाल डाल, कभी पात पात
मैं हवा पे ढूँढूँ उसके निशाँ

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या ...

मैं उसके रूप का सौदाई
वो धूप छाँव सा हरजाइ
वो शोख नज़र बदलता है
मैं रंग रूप का सौदाई

जिनके सर हो इश्क़ की छाँव
पाँव के नीचे जन्नत होगी
जिनके सर हो इश्क़ की छाँव

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या

सरे इश्क़ की छाँव, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या चैंय्या
पाँव चलत चले, चल चैंय्या

चल चैंय्या चैंय्या चैंय्या चैंय्या


जिया जले, जान जले नैनों तले धुआँ चले, धुआँ चले
रात भर धुआँ चले
जानूँ न जानूँ न जानूँ न सखि री
जिया जले, जान जले ...

देखते हैं तन मेरा मन में चिभती है नज़र
होंठ सिल जाते उनके नर्म होंठों पे मगर
गिनती रहती हूँ मैं अपनी करवटों के सिलसिले
क्या करूँ कैसे कहूँ, रात कब कैसे ढले
जिया जले, जान जले ...

अंग अंग में जलती हैं दर्द की चिंगारियाँ
मसले फूलों की महक में तितलियों की क्यारियाँ
रात भर बेचारि मेहन्दी पिसती रही, पैरों तले
क्या करूँ कैसे कहूँ, रात कब कैसे ढले
जिया जले, जान जले ...


तू ही तू, तू ही तू सतरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू मन रंगीं रे ...

दिल का साया हमसाया सतरंगी रे, मन रंगीं रे
कोई नूर है तू क्यों दूर है तू
जब पास है तू एहसास है तू
कोई ख़्वब है या परछाई है सतरंगी रे, मन रंगीं रे
इस बार बता मंज़ूर हवा ठहरेगी कहाँ

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बने

आँखों ने कुछ ऐसे छुआ, हल्का हल्का उन्स हुआ
हल्का हल्का उन्स हुआ दिल को महसूस हुआ
तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी खुशबू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू, आरज़ू
तेरी जिस्म की आँच को छूते ही
मेरे साँस सुलगने लगते हैं
मुझे इश्क़ दिलासे देता है
मेरे दर्द बिलखने लगते हैं

तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी ख़्हुशबू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू आरज़ू
छूती है मुझे सरगोशी से
आँखों में घुली खामोशी से
मैं फ़र्श पे सजदे करता हूँ
कुछ होश में कुछ बेहोशी से
दिल का साया हमसाया ...

तेरी राहों में उलझा उलझा हूँ
तेरी बाहों में उलझा उलझा
सुलझने दे होश मुझे तेरी चाहों में उलझा हूँ
मेरा जीना जुनूँ मेरा मरना जुनूँ
तू ही तू, तू ही तू, सतरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू मन रंगीं रे

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बने

मुझे मौत की गोद में सोने दे
तेरी रूह में जिस्म डुबोने दे
सतरंगी रे, मन रंगीं रे

Dil Se - Chaiyya Chayyia
this song is pain and love.
dil se re दिलसेरे
थैया थैया थैया थैया
ऐ अजनबी तू भी कभी